शिक्षा का बोरियत

यहाँ अक्सर पढ़ाई में बहुत कम बोरियत महसूस होती है।इस कारण से जब हम पहले से ही विषयों को पढ़ते हैं तो हमें थकावट हो सकती है, या जब हम चाहतें कि कुछ और करते हैं। यह बहुत बुरा नहीं है क्योंकि पढ़ाई हमेशा रोमांचक नहीं होती।

मन पढ़ाई से हट जाता

पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल है। हमारे विचार बहुत जल्दी अन्य बातों पर झुकाते हैं। सोशल मीडिया, दोस्तों के साथ बातें, खेल आदि में हमारा मन बहुत आसानी से चला जाता है ।

ध्यान केंद्रित करने की कठिनाई

आज के व्यस्त/भरे हुए/शोर-शराबे वाले समय में, अपने/अपने मन को/मन का लक्ष्य ध्यान केंद्रित करना/संगठित रखना/एकाग्रता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती/मुश्किल/समस्या बन गया है। हर जगह उपलब्धियां/सूचनाएं/प्रोत्साहन हमारे ध्यान को भटकाने/मन को विचलित करने/अनुभव को बाधित करने के लिए उत्सुक हैं। यह अनिश्चितता/अवरोध/व्यतिक्रमण हमें अपनी लक्ष्य/उद्देश्यों/कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने से रोक सकता है।

  • एकाग्रता की समस्या

अध्ययन में उत्साह की कमी

यदि आपकी पढ़ाई में प्रेरणा घटती है, तो यह बहुत दुःखद हो सकता है. जब कोई अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर नहीं होता, तो शिक्षा का प्रभाव कम हो जाता है और जीवन में रुकावटें आ सकती हैं. यह महसूस होने लगता है कि परिवर्तन संभव नहीं है और मन निराश रहता है.

नींद ने मेरी पढ़ाई को छीन लिया

जाहिरा तौर पर here मुझे यह जानना चाहिए था कि आलस्य कितना बड़ा शत्रु है। लेकिन मैंने उसकी अनदेखी की। जब मैं पढ़ाई से दूर उड़ता तो मेरे मन में एक ऐसा जुनून पैदा होता जो मुझे आगे बढ़ने से रोक देता।

मेरे दिनों का सफर अब बहुत ही दुखद रहा, क्योंकि मैंने खुद को आलस्य के जाल में फंसाया। हर बार जब मैं पढ़ाई करने के लिए तयार होता तो मुझे नींद का एहसास होता और फिर मैं अपने कामों से दूर.

निरंतर मनोबल कम होना

मानव की यात्रा अनेक उतार-चढ़ावों से भरा होता है। कभी तो वह ऊंचाइयों पर चढ़ता है और कभी गहराई में गिर जाता है। दुख की लहर एक ऐसी हालत है जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर घाटे में डाल देती है, और उसे अपनी शक्ति का एहसास करना पड़ता है। यह स्थिति अक्सर जीवन के पारिवारिक जिंदगी में भी दिखाई देती है, और व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करने से रोके रखती है।

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